भारतीय इतिहास में हल्दीघाटी का युद्ध एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। यह युद्ध 18 जून 1576 को मेवाड़ के महाराणा प्रताप और मुगल सम्राट अकबर की सेनाओं के बीच लड़ा गया था। चूंकि यहां की मिट्टी का रंग हल्दी की तरह पीला है, इसलिए घाटी को हल्दीघाटी के नाम से जाना जाने लगा।
अब एक राष्ट्रीय स्मारक. हल्दीघाटी को उनकी वीरता और देशभक्ति के लिए महाराणा प्रताप को समर्पित किया गया है। इस घाटी में “चेतक का मकबरा“, “रक्त तलाई” (खून का तालाब), और “बादशाही बाग” भी स्थित हैं, जहां मुगल सेना ने डेरा डाला था।
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