नेक चंद सैनी पचास के दशक की शुरुआत में पंजाब की राजधानी चंडीगढ़ में सड़कों के निर्माण की देखरेख करने वाले एक सड़क निरीक्षक थे।
उनके अंदर के कलाकार ने इमारत और औद्योगिक कचरे में अपनी रचनात्मकता के लिए एक नवीन संसाधन की खोज की। रॉक गार्डन पूरी तरह से स्व-प्रेरित प्रयास है। उन्हें पहली बार सार्वजनिक मान्यता तब मिली जब वर्ष 1976 में चंडीगढ़ के मुख्य आयुक्त द्वारा उनके बगीचे का औपचारिक उद्घाटन किया गया और इसे ‘नेक चंद रॉक गार्डन’ का नाम दिया गया।
हालाँकि उन्होंने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पहचान हासिल की है, अट्ठावन वर्षीय नेकचंद एक विनम्र व्यक्ति हैं। उन्हें हाल ही में भारत सरकार ने पद्मश्री से सम्मानित किया था। 1980 में पेरिस में आयोजित अपनी प्रदर्शनी के माध्यम से पेरिसवासियों को भारतीय संस्कृति के प्रति प्रत्यक्ष और संवेदनशील दृष्टिकोण देने के लिए उन्हें ‘ग्रांडे मेडेल डे वर्मील’ से अलंकृत किया गया था।
दुनिया भर के कला प्रेमियों और संस्थानों ने भी इस प्रतिभाशाली शिल्पकार को सम्मान अर्पित की है, जो लगातार काम कर रहे हैं और अपनी नवीन प्रेरणाओं से दुनिया को प्रसन्न कर रहे हैं।
(Source: Display Board)